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Sathi re - Kapoor and Sons Lyrics

Sathi re - Kapoor and Sons Lyrics

साथी रे थोडा सा ठेहर जा अब रस्ते कुछ बदल से जायेंगे।
ओ साथी रे थोडासा ठेहर जा ये पाव भी अब संभल से जायेंगे।
फिर वोही बरसात होगी अशक सारे धुल से जायेंगे।
रोशनी दिन रात होगी और सब झरोके खुल से जायेंगे
यारा तू हि तो बंदगी है, तू हि तो दुआ।
यारा कैसी ये बेरुखी है क्यूँ जुदा तू हुआ।
केहना था और क्या क्या मुझे
नींद क्यूँ  आंगयी फिर तुझे?
साथी रे थोडा सा ठेहर जा अभि मौसमो का बदलना बाकी है।
ओ साथी रे थोडा सा ठेहर जा कूछ दूर साथ चलना बाकी है।
फिर उन्ही रस्तो पे तेरे मेरे कदमो का मिलना बाकी है।
दर्द मैं रंजीशो साथ बुझना साथ जलना बाकी है।
यारा तू हि तो बंदगी है, तू हि तो दुआ।
यारा कैसी ये बेरुखी है क्यूँ जुदा तू हुआ।
हा तेरे और मेरे दर्मियां अब भी बाकी है एक दांस्ता।

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