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तेरे नाम का चर्चा हो गया कि
तू चंडीगढ़ से आई है
तुझे देख के चौकी पे खड़े
सिपाही आहें भरते हैं...


तेरी ठोडी का काला तिल ऐसे है
जैसे की चाँद के टुकड़े पे दाग
तुझपे काला चश्मा जचता है
जचता है तेरे गोरे चेहरे पे..


काला काला चश्मा जचता है तेरे चेहरे पे
जैसे काला तिल जचता है तेरी ठोडी पे
अपनी अदाओं से ज़्यादा नहीं तो 10 12 लड़के तो
मार ही देती होगी तू दिन में...


तुझ जैसे छत्तीस फिरते हैं
मेरी जैसी और कोई नहीं होगी
लड़का तू बिलकुल देसी है
मैं कटरीना से भी सुन्दर हूँ...


लड़के मैं तेरे दुखड़े सुन सुन के पक गयी हूँ
मुझपे काल चश्मा जचता है
जचता हैं मेरे गोरे चेहरे पे...

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