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Aas Hi Navi Lyrics | Lost and Found | Spruha Joshi

Aas Hi Navi Lyrics | Lost and Found | Spruha Joshi




आस हि नवी , साद देतसे कुणी धुंद, या वेड्या मनी।
मन हळवे थर थरे, वाऱ्यावर भिरभिरे, श्वासांची स्पंदने घे समजुनी।
आस हि नवी , साद देतसे कुणी धुंद, या वेड्या मनी।

हो हूर हूर अशी तुझिया उरी, जागेन मी संवेदना,
येई बहर का हा नवा , कि भास हा सांग ना,
मन बावरे, मन बावरे, मन बावरे, मन बावरे बावरे।

आठवांची सरे, हळवी, आतुर, हलकेच ये दाटूनी,
रात हि सरताना, इवले काजवे, जपले या ओंजळी।

स्वप्न हे खुळे माझे, आभास का सारा, जीव हा गुंतला रे,
मन बावरे, मन बावरे, मन बावरे, मन बावरे बावरे।

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