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है अपना दिल तो आवारा, न जाने किस पे आयेगा

हसीनों ने बुलाया, गले से भी लगाया
बहोत समझाया, यही ना समझा
बहोत भोला है बेचारा, न जाने किस पे आयेगा

अजब है दीवाना, ना दर ना ठिकाना
जमीन से बेगाना, फलक से जुदा
ये एक टूटा हुआ तारा,  न जाने किस पे आयेगा

ज़माना देखा सारा, है सब का सहारा
ये दिल ही हमारा हुआ ना किसी का
सफ़र में है ये बंजारा, न जाने किस पे आयेगा

हुआ जो कभी राजी, तो मिला नहीं काजी
जहाँ पे लगी बाज़ी, वही पे हारा
ये एक टूटा हुआ तारा, न जाने किस पे आयेगा

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