Tribute the Legend Irrfan Khan
मेरी तलाश छोड़ दे तू मुझको पा चुका मैं सोच की हदों से बहुत दूर जा चुका लोगो ! डराना छोड़ दो तुम वक्त़ से मुझे यह वक्त़ बार बार मुझे आज़मा चुका दुनिया चली है कैसे तेरे साथ तू बता ऐ दोस्त मैं तो अपनी कहानी सुना चुका बदलेगा अनक़रीब यह ढाँचा समाज का इस बात पर मैं दोस्तो ईमान ला चुका अब तुम मेरे ख़याल की परवाज़ देख़ना मैं इक ग़ज़ल को ज़िंदगी अपनी बना चुका ऐ सोने वालो नींद की चादर उतार दो किरनों के हाथ सुब्ह का पैगाम आ चुका पानी से ‘नक्श’ कब हुई रौशन यह ज़िंदगी मैं अपने आँसुओं के दिये भी जला चुका
मेरी तलाश छोड़ दे तू मुझको पा चुका मैं सोच की हदों से बहुत दूर जा चुका लोगो ! डराना छोड़ दो तुम वक्त़ से मुझे यह वक्त़ बार बार मुझे आज़मा चुका दुनिया चली है कैसे तेरे साथ तू बता ऐ दोस्त मैं तो अपनी कहानी सुना चुका बदलेगा अनक़रीब यह ढाँचा समाज का इस बात पर मैं दोस्तो ईमान ला चुका अब तुम मेरे ख़याल की परवाज़ देख़ना मैं इक ग़ज़ल को ज़िंदगी अपनी बना चुका ऐ सोने वालो नींद की चादर उतार दो किरनों के हाथ सुब्ह का पैगाम आ चुका पानी से ‘नक्श’ कब हुई रौशन यह ज़िंदगी मैं अपने आँसुओं के दिये भी जला चुका
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